'मम्मी-पापा' की शादी

'मम्मी-पापा' की शादी
5-6 साल का वैभव, अपने घर का एलबम देखकर बहुत ही खुश हो रहा है, उसके हर-साल के, जन्मदिन का फोटो है, तीन साल पहले कश्मीर घुमने गये हुए, तीर्थ स्थानों के फोटों में खुद को नहीं पहचान पा रहा है, खुद को इतना छोटा देख हंस रहा है, एक बड़े से एलबम में उसके मम्मी-पापा के शादी का फोटों है, जिसमें दादा-दादी, नाना-नानी, फुआ, मौसी, चाचा, सबकी फोटो है, पूरे एलबम में वो खुद को ना पाकर परेशान,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
वैभव........ पापा, आपकी शादी में, मैं कहाँ था,
पापा.........( खामोश ) हूं,
वैभव........ हूं, क्या बोल रहे हो, मैं कहां था,
पापा........ मम्मी के पेट में,
वैभव........ आप झुठ बोल रहे हो, मम्मी आप बोलो, मैं कहां था,
मम्मी........ हां बेटे, पापा सही बोल रहे है,
वैभव........ तभी तो मैं दिख नहीं रहा,
मम्मी....... बाबु अलबम रख दो, खाना खा लो,
"वैभव बहुत ही चंचल और बुद्धिमान बच्चा है, पढ़ने में भी "बहुत तेज है, दिन बीतते है, जब वह 10-12 साल का होता है तो, उसके कक्षा में पढ़ रही श्रुति से दोस्ती हो जाती है, वैभव और श्रुति एक-दूसरे को पढ़ाई में सहायता करते है, उम्र के साथ-साथ, उनके मन में बहुत से सवालों का जन्म होता है"
श्रुति....... वैभव,तुम्हें पता है, बच्चे भगवान की देन है,
वैभव........ जी, मुझे पता है,
श्रुति....... हम भगवान के पास होते है, मम्मी-पापा के शादी के बाद, वो हमें भगवान से मांग लेते है,
वैभव....... श्रुति तुम, अपने मम्मी-पापा के शादी में कहां थी,
वैभव....... तुम्हें नहीं पता, हम बच्चें मम्मी के पेट में होते है, पापा ने कहा.....
श्रुति....... मम्मी तो कहती है, भगवान के पास
वैभव....... मम्मी-पापा, हम बच्चों से कितना झूठ बोलते है,
श्रुति....... हो सकता है, मेरी मम्मी झूठ बोली होगी,
' दोनों एक साथ पढ़ते-खेलते बड़े होते है,9-10 वीं की पढ़ाई के बाद बहुत कुछ जान जाते है, जिसे जानने की बेचैनी हुआ करती थी, चंचलता कम हो जाती है, समझदारी आ जाती है, दोनों कॉलेज जाते-जाते प्यार के एहसास में बंध जाते है,18 साल के वैभव को जानकारी हो जाती है कि बच्चे दुनियां में कैसे आते है,
उसके मन मंथन से पता चलता है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मम्मी-पापा के शादी मे होना, किसी भी बच्चे के लिए खुशी की बात नहीं हो सकती,
(1) मम्मी या पापा की दूसरी शादी होने से ही, बच्चा उस शादी में हो सकता है,
(2) शादी के पहले से, मम्मी के गर्भ में होने से, उनकी शादी में हो सकता है,
दोनों ही शर्त में, ऐसी बाते निंदनीय होती है,
उसका बेचैन मन, मम्मी की शादी की तारिख और अपने जन्म की तारिख को देखता है,
उसे सच पता चल जाता है कि वह मम्मी के शादी के समय उनके गर्भ में चार महीने का था,
" इस सच्चाई से उसके दिल में, अपने मम्मी-पापा के प्रति श्रद्धा में कमी आती है, खुद से वादा करता है, (मैं श्रुति से बेहद प्यार करता हूं पर वह गलती नहीं करूगा, जो गलती मेरे मम्मी-पापा ने किया)
Rita Gupta.