Thanks" Facebook "

Thanks" Facebook "

अजब नाम कि गजब कहानी,Facebook के ऊपर,अगर कोई किताब लिखी जाय,तो वो" रामायण "

और "महाभारत " से मोटी और मनोरंजनपूर्ण होगी,मगर ऐसी हिमाकत मैं नही करने वाली हूं,

Facebook user होने के नाते, जितना समझ पाई हूं, उसके आधार पर अगर हम इसे "समाज " के नाम से जाने तो,जिस तरह समाज में विभिन्न प्रकार के लोग रहते है,वहि हाल यहां भी है,

1........25 % लोग real,   I.D वाले

2........25 % लोग unreal,  I.D वाले

3..........20 % नेता और अभिनेता, I.D वाले

4...........10 % डबल, I.D वाले

5...........10 %  fake, , I.D वाले,

6..........5 % ,unused, I.D वाले,

7..........5 % लोग ऐसे है,जाे Facebook के user होने के योग्य नही है,

इन्ही 5 % लोगों के कारण आज भी Facebook से जुड़ने से पहले सोचते है,और अपना सहि information नही देते है, "मेरी कहानी उस महिला की है,जिन्होंने Facebook को Thanks कहा है,

                                   Real कहानी के पात्रों के नाम काल्पनिक है,

दीपू 25 साल का facebook user है,मम्मी-पापा का पढ़ा-लिखा और competition कि तैयारी करने वाला आज्ञाकारी बेटा है,Job कि तैयारी के बाद,मनोरंजन के लिए घंटा दो घंटा facebook पर नजर आ ही जाता है,दो साल कि तैयारी से वह बैंक में मैंनेजर कि नौकरी ले लेता है,अब दीपू 27 साल का युवक है, शादी के लिए रिस्ते आने लगते है,वह मम्मी-पापा के साथ लड़कियों को देखता है,पर उसे कोई पसंद नही आती है,

वह facebook पर जिस तरह कि लड़कियों से chating करता है,उसी तरह कि लड़की जो आजाद ख्याल कि निडर और सच बोलने वाली हो,पर उसे वैसी नही मिल पा रही थी,उसकी मम्मी ने कहा.....अगर तु किसी से प्यार करता है तो बता दे,हम तेरी शादी उसी से करा देगें,दीपू.....फिलहाल मैं प्यार नही करता,मुझे थोड़ा वक्त चाहिए, मैं इस साल शादी नही करना चाहता,घरवाले वक्त दे देते है,

अब दीपू Job के बाद के time को अपने "सच्चे जीवन साथी " कि तलाश में लगा देता है,दिल जुड़ता , फिर दिल टुटता है, उसे समझ में आ जाता है कि, दूर कि डोल सुहावन लगाते है,पास बजे तो कान फटने लगते है, facebook पर जीवन साथी तो नही मिला,पर वो शायर जरूर बन गया,अब भोला-भाला दीपू समझदार और सच को स्वीकार करने वाला 28 साल का युवक है,

दीपू के मामा जी अपने दोस्त के साथ उसे को देखने आये है,साथ में लड़की का फोटों भी लाये है,दीपू कि मम्मी कहती है,सिर्फ फोटों देखकर शादी होगी,लड़का-लड़की एक दुसरें से मिल ले,कुछ पूछना हो तो पूछ ले,अगर वो कहेगें तो हम राजी है,लड़की के पापा next sunday को सब को अपने घर लड़की देखने का निमंत्रण देते है,

"अनु B.A पास देखने में सुंदर,घरेलु लड़की है,दीपू और अनु दोनों एक दुसरे को देखते है, उनकी हामी के बाद ही यह शादी पक्की कि जाती है,महिने दिन बाद धूम-धाम से शादी होती है,जीवन बहुत हंसी-खुशी से कटता है,अनु के अच्छे स्वभाव ने सबका दिल जीत लिया है,दीपू ऑफिस से आता है अनु उसके इंतजार में बैठी रहती है,

अनु.......कितनी देर से आते हो,

दीपू.........बहुत काम रहता है,क्या करू,

अनु..........10 घंटा हमसे दूर रहते हो,

दीपू......... बाकी के 14 घंटा तुम्हारे साथ रहता हूं,

अनु.........खाने-पीने,सोने और दोस्तों में लगे रहते हो,उसे साथ नही कहते,काश मैं आपके साथ आपके

               ऑफिस में काम करती,हम 24 hours साथ रहते,

दीपू.........तब इतना प्यार नही होता,

अनु.........क्यों.......?

दीपू............Human nature "कोई भी रिस्ता कितना भी प्यारा, क्यों न हो,चौबिसों घंटा एक साथ रहने

                                        से एक-न-एक दिन इसमें कड़वाहट ला ही देता है,रिस्तें में दूरी,जरूरी होता

                                         है,

अनु............मैं नही मानती,

दिन बितते जाते है,दो नये मेहमानों का आगमन हो चुका है,पति-पत्नी से अब दोनों दो बच्चों के मम्मी-पापा बन चुके है,अनु का बेटा 4 साल का,बेटी 1 साल कि है,अब अनु के पास दीपू के लिए समय नही मिलता,दीपू भी संयुक्त परिवार को संभालने में इस तरह लग जाता है कि वो भी अनु के लिए समय नही निकाल पाता,फिर भी दोनों खुश है,किसी को किसी से कोई शिकायत नही है,

अनु घर के और बच्चों के कामों मे  इतना व्यस्त रहती है,कि उसे अकेलापन नही लगता,पर दीपू  कभी-कभी ऑफिस से आने के बाद , बरामदे में बैठे हुए ,अकेलापन में खो जाता है,

एक दिन दीपू का दोस्त रौशन, जो कि ऑफिस के तरफ से किसी काम से बाहर गया था, वहां से आने पर दीपू से मिलने आ गया, रविवार का दिन है,

रौशन.............हैलो, दीपू

 दीपू............. हाथ मिलाता है, फ़िर गले मिलते है,

रौशन........... अरे यार, तु तो हमसब दोस्तों को पीछा कर दिया, हमारी शादी भी नही हुई, तेरे दो बच्चें

                      भी है,

 दीपू............ हंसता है, सब भगवान कि कृपा है,

रौशन.......... भाभी से मिलवा,  दीपू...........हां, चाय लेकर आती होगी,

अनु......... चाय रखते हुए, नमस्तें करती है, थोड़ी देर वहां खड़ी रहती है, फिर घर  में चली आती है,

रौशन..........बड़ा लक्की है, भाभी तो बहुत सुन्दर है,

दीपू...........हां, सबका ख्याल रखती है,

रौशन........बहुत अच्छी बात है, मेरी एक girl friend है, मैं उसी से शादी कर रहा हूं, तुम्हें कार्ड  देने

               आऊंगा, सपरिवार जरूर आना,

दीपू.........तु बड़ा lucky है, जिससे प्यार किया, उसी से शादी कर रहा है,

रौशन.........क्यों तु भाभी से प्यार नही करता,

दीपू...........बहुत करता हूं, वो भी मुझसे बहुत प्यार करती है, पर.....

रौशन........ पर क्या....?

दीपू...........मेरी शादी के 6 साल हो गये है, फिर भी पता नही कोई कमी है, पता नही किसका इंतजार

                है,

रौशन........मैं समझा नही,

दीपू.......... काश मुझे भी किसी से प्यार हुआ रहता, मेरी भी कोई Girl friend होती,

रौशन....... कैसी बाते कर रहे हो,

दीपू........... छोड़, तेरे समझ में नही आयेगा,

रौशन....... ठिक है,मैं चलता हूं, फिर मिलतें है,

"जब दीपू ,रौशन से ये कह रहा था, कि काश मेरी भी Girl friend होती, यह बात अनु ने सुन ली थी"

                                          दीपू सारी जिम्मेवारियों को पूरा करते है, खाली समय में खुद को facebook पर व्यस्त कर लेता है, अनु दिन भर के काम-काज को कर के, जब बच्चा स्कूल चला जाता है, और दीपू भी office चले जाते है, तो वो जल्द से कामों को निपटा कर, घंटे भर के लिए मनोंहर कहानियां पढ़ती है,

                                          "एक दिन अनु के मन में ख्याल आता है, कि क्यों न वो भी facebook join कर ले, और नाम बदल कर I.D बनायें और दीपू कि Girl friend बन जाये"

अनु वैसा ही करती है, अनामिका नाम से I.D बनाती है और दीपू को friend request भेजती है,Profile Pic लाल गुलाब रहता है,

दीपू Profile देखता है, तो शादी-शुदा लिखा है, उसके Album में इतने अच्छे-अच्छे Pic रहते है, कि उसे अच्छा लगता है, वह अनामिका के request को accept कर लेता है, दोनों दोस्त बन जाते है,दोनों में chating शुरू हो जाती है, दीपू office के Tiffin time में chat  का time fixed करता है,

अनामिका (अनु) भी  दोनों बच्चों को खाना खिलाकर सुला देती है, और दीपू से chat करने के लिए समय निकाल लेती है, दीपू इस बातों से अनजान है,

                                     Everyday chatting करते है,

 

दीपू............ आपने अपना एक भी pic नही डाला है,

अनामिका.............नही, मैं अपना pic नही डाल सकती,शादी हो चुकी है, बहुत मुश्किल से facebook

                            कर पाती हूं,

दीपू............कोई मना करता है,

अनामिका............ ससुराल है ना, ये लोग क्या सोचेगे, सब सोचना पड़ता है,

दीपू.......... जिस दिन से आप से chatting हुई है, उस दिन से मैं बहुत खुश हूँ,

अनामिका...........क्यों, अपने बीबी से खुश नही हो,

दीपू.............. ऐसी बात नही है, मेरी बीबी बहुत अच्छी है, हम दोनों एक दुसरें को बहुत प्यार करते है,

                      एक अच्छे  दोस्त कि कमी थी, जो तुमने पूरी कर दी,

अनामिका.............Thanks.

दीपू........हम everyday chat करेंगे,

अनामिका.......yes, कोशिश करूगी,

दीपू और अनामिका एक अच्छें दोस्त बन गये है, दोनों एक-दुसरे से बहुत सारी बातें करते है, वह हमेशा फोन न० मांगता है, पर एक दिन वो जिंद करने लगता है, अनामिका नम्बर  कैसे देती, आवाज से पकड़ी जाती,

अब दीपू के व्यवहार में आये परिवर्तन को अनु महसुस करती है, जब इंसान खुश रहता है, तो सबसे प्यारी-प्यारी बातें करता है, दीपू कि खुशी के लिए अनामिका नम्बर देने का वादा करती है,

वो एक नया sim लेती है, उसे एक पुराने mobile में डाल कर इस्तेमाल करती है, वहि न० दीपू को देती है, जब दीपू office से अनामिका को फोन करता है, तो वह speaker पर कपड़ा रख कर दबे आवाज में बात करती है, दीपू नही पहचान पाता, कि ये आवाज उसने कहि सुनी है,

अनामिका कहती है.......... मैंने अपना फोन न० दे दिया है, पर आप हमेशा याद रखना कि  मैं शादी-

                                        शुदा  दो बच्चों कि मां हूं, अगर कोई गलती करते हो तो, ये दोस्ती भी नही

                                         रहेगी,

दीपू कहता है............ जी,मैं भी शादी-शुदा दो बच्चों का पापा हूं, मेरी बीबी मुझ पर आंख मूंद कर

                                 विश्वास करती है, मैं ऐसा कोई बात नही करूगा, जिससे हमारी दोस्ती टुट

                                 जाये,

अब chatting बंद हो जाती है, सप्ताह में दो बार दीपू और अनामिका  बातें कर ही लेते है,

दीपू.......... अनामिका जी मैं आपको अपना girl friend मान सकता हूं,

.अनामिका...........Dost मानने में क्या बुराई है,

दीपू.......... लड़की दोस्त का मतलब girl friend ही होता है

.अनामिका.......... अच्छा जी,ok मान सकते है,

                           "दिन बिततें है, दोनों कि दोस्ती दो साल पुरानी हो जाती है "

"एक दिन दीपू अनामिका से कहता है, हम एक ही शहर में रहते है, Best friend भी है,तुम्हारा दिल नही करता कि हम एक बार मिलतें, मैं तुम्हे देखना चाहता हूं".

अनामिका...........नही,मैं आपसे मिलना नही चाहती,

दीपू................क्यों,

अनामिका............ मुझे सहि नही लग रहा है,

दीपू............... आपने मेरी pic देखी है, मैंनें आपकी pic भी नही देखी,

अनामिका..........क्या देखेगें, आप ने जैसी कल्पना कि होगी,मैं वैसी नही हुई तो, ये दोस्ती भी खो

                          जायेगी,

दीपू............... आप जैसी है, जो है, मेरी best friend है,मैं वादा करता हूं हमारी दोस्ती हमेशा रहेगी,

                       बस एक बार मिलना है,

अनामिका........... ठिक है, हम  दोनों बाजार के पास जो मंदिर है, वहां मिलते है,

दीपू...............मैं आपको कैसे पहचान पाऊंगा,

अनामिका...........मैं पहचान जाऊंगी, आप चिंता न करे,

दीपू.............. जैसा, आप ठिक समझें, तो हम कल 3.00 p.m को मिलतें है,

दुसरे दिन 3 बजे का समय है, दीपू ऑफिस से सीधे मंदिर पहुंच गया है और अंदर में इंतजार कर रहा है, हर आने -जाने वाली महिला को देख कर यहि सोच रहा है, इनमें से कौन सी अनामिका हो सकती है, तब तक उसे ऐसा लगा, जैसे उसने अनु (पत्नी) को देखा, वो सोचने लगा, अनु मंदिर कैसे  आ गई, कहि उसे मेरे और अनामिका के बारे में पता तो नही चल गया,

वो जल्दी से अनामिका को फोन करता है......... सुनों, शायद मैनें अपनी पत्नी को देखा, पता नहीं वहि थी, या मेरा भ्रम था, अब हम क्या करेगे, अनामिका कहती है.......... आये है, तो मिल कर ही जायेगे, आप" हनुमान जी" के मंदिर में आंख मुंद कर बैठ जाओं, अब वो ही हमारी रक्षा करेगे, मैं भी वहि  आ रही हूं, दीपू दिवानों कि तरह वहि करता है,

थोड़ी देर बाद अनामिका हनुमान मंदिर में पहुंचती है, दीपू को आंख मूंद कर बैठे देख कर उसके पास जाकर बैठ जाती है, और कहती है,....... बोलो जानु, कैसे हो, बीबी से छिपकर यहां बैठे हो, अपनी girl friend से मिलने के लिए,

दीपू आंख खोलता है, तो अवाक से उसका मुंह खुला रह जाता है,

अनामिका (अनु).........क्या हुआ, अपनी Best friend अनामिका को पहचान नही पा रहे हो,

"दीपू को समझते देर नही लगती कि अनामिका और कोई नही उसकी पत्नी अनु है, उसकी आंखे शर्म से नीचे छुक जाती है, अपने  कानों को पकड़ कर माफी मांगता है,

अनामिका (अनु)......... माफी किस बात कि, अभी मैं आपकी पत्नी नही, आपकी girl friend हूं.

                                  चलिए, मिलने की खुशी में मुंह मीठा कराइयें,

दीपू................... हंसता है, सच में तुम महान हो, मैं तुम्हारें इस रूप से अनजान था, अब हम दोस्त

                          रहेगे या पति-पत्नी,

अनामिका (अनु)......... अनामिका आपकी girl friend है और हमेशा रहेगी, अनु आपकी पत्नी है और

                                    हमेशा रहेगी, बीते 3 साल से ये रिस्ता निभा रही हूं, आगे भी यहि रिस्ता

                                      रहेगा,

दीपू................. तुम धन्य हो,Girl friend कि कमी महसुस हो रही थी, जो तुमने पूरा किया, मैं तुम्हें

                           Thanks कहता हूं,

अनामिका (अनु)......Thanks,Facebook को कहना चाहिये, जिसके माध्यम से मैं आपकी girl friend

                                 बन पाई हूं

 

                                      So,Thanks Facebook